मत्स्यासन योग का एक पोज़ या आसन है जिसे मत्स्येन्द्र नाथ योगी के नाम पर रखा गया है। यह आसन स्थिरता और स्थिरता का आभास कराता है और पीठ को लचकदार और मजबूत बनाता है। निम्नलिखित निर्देशों का पालन करके आप मत्स्यासन कर सकते हैं:
आराम से बैठें: एक योगमाट या चट्टान पर बैठें। पैर आगे की ओर बढ़े और हड्डियाँ सीधी हों।
पीठ का स्थानांतरण: पीठ को आराम से पीठ की ओर झुकाएँ, आपके हाथ पैरों के नीचे आने चाहिए।
मत्स्यासन योग| matsyasana yoga
हाथों की स्थिति: पैरों के नीचे आने के बाद, हाथों को अपने निचले बदन के पीठ पर रखें। अंगूठा बाहर की ओर हो और हथेली पीठ को छूने की ओर हो।
सीधी पैरों की स्थिति: अब पैरों को सीधे करें और टोंग या कानी को छूने की ओर आकर्षित करें।
गर्दन का स्थानांतरण: धीरे से गर्दन को पीठ पर टिकाएं और सिर को वापस करें।
श्वासायाम की स्थिति: अब धीरे से श्वासायाम को अपने पैरों की ओर बढ़ाएं और पीठ की ओर टिकाएं।
ध्यान और समय: आसन में बैठते समय ध्यान रखें कि आपकी सांसें नियमित और गहरी हों। शांति और सुकून महसूस करने के लिए कुछ समय तक इस स्थिति में बने रहें।
यदि आप पहली बार मत्स्यासन कर रहे हैं, तो धीरे से आसन करें और अपने शरीर की सीमाओं के अनुसार काम करें। सावधानी बरतने से चोट आने की संभावना कम होती है।
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